लोगों की जीवनशैली में इन दिनों कई तरह के बदलाव आ चुके हैं। भागदौड़ और व्यस्तता के चलते लोग लगातार खराब जीवनशैली का शिकार होते जा रहे हैं। अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में लगातार प्रेशर और तनाव के चलते इन दिनों लोगों में एंग्जाइटी की समस्या देखने को मिल रही है। आजकल ज्यादातर लोगों में यह समस्या काफी आम हो चुकी है। अपने आसपास आपने कई ऐसे लोगों को देखा होगा, जो इस समस्या से जूझ रहे होंगे। सबसे ज्यादा युवा इन दिनों एंग्जाइटी के शिकार हो रहे हैं। सामान्य सी लगने वाली यह बीमारी काफी गंभीर रूप ले सकती है। ऐसे में समय से इसकी पहचान कर जल्द से जल्द से इसका इलाज करना काफी जरूरी है।
अक्सर कई लोग एंग्जाइटी को तनाव या डिप्रेशन से जोड़कर देखते हैं। लेकिन एंग्जाइटी इन दोनों से काफी अलग है। एंग्जायटी डिसऑर्डर दिमाग से संबंधी सबसे सामान्य विकारों में से एक है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को घबराहट या परेशानी होती है। समय से इसके लक्षणों की पहचान कर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन ज्यादा देर होने पर यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है और आगे चलकर डिप्रेशन जैसी कई बीमारियों की वजह बन सकती है।
एंग्जाइटी एक तरह की मानसिक समस्या है, जिससे पीड़ित व्यक्ति अक्सर बैचेनी के साथ ही नकारात्मक विचार, चिंता और डर से घिरा रहता है। यह समस्या आमतौर पर हमारे रोजमर्रा के जीवन में जुड़ी कुछ सामान्य चिंताओं के कारण जन्म लेती है ,जो बाद गंभीर रूप में बदल जाती है। इस गंभीर समस्या के कुछ सामान्य लक्षणों में हाथ कांपना, पसीना आना, घबराहट होना, मन में उलझन होना,बिना बात के रोना आदि शामिल है। इसके अलावा इसके अन्य कई लक्षण हैं, जिन्हें पहचान कर आप इसे रोक सकते हैं