(Audio Course)
इस अभ्यास से शरीर स्थिर हो जाता है और मन को शांति का अनुभव होता है।
हमारा मन एक छोटे बच्चे की तरह है। यदि आप किसी बच्चे को कुछ करने का आदेश देते हैं, तो वह अक्सर इसके विपरीत करेगा। एक विद्रोह प्रतीत होता है, अवहेलना करने की आवश्यकता है। मन उसी तरह काम करता है। यदि आप मन को शरीर को भूलने और किसी अन्य विषय से अवगत होने के लिए मजबूर करते हैं, तो ऐसा लगता है कि अचानक शरीर के लिए एक आकर्षण विकसित होता है। जितना तुम शरीर को भूलने की कोशिश करते हो, वह उतना ही कठिन होता जाता है।
मन की इस प्रवृत्ति को जानकर यह मार्ग विपरीत दृष्टिकोण अपनाता है। यानी यह मन को लंबे समय तक शरीर के प्रति जागरूक रहने के लिए लगभग मजबूर कर देता है। मन, हमेशा की तरह, विद्रोही है। मन अपने आप कुछ और सोचने की कोशिश करता है और वह शरीर को भूल जाता है। और यही ध्यान साधनाओं का उद्देश्य है। हर दिन गहन अभ्यास करने के बाद आप पाएंगे कि जागरूकता स्वतः ही अंदर की ओर निर्देशित होती है और मन शांत और शांति के साथ होता है।
इस पाठ्यक्रम में अपनाई जाने वाली ध्यान तकनीक को पारंपरिक रूप से काया स्थैर्यम के नाम से जाना जाता है।
ध्यान एक ऐसी अवस्था है जो ध्यान तकनीक का पालन करते समय उत्पन्न होती है।
काया स्थैर्यम की प्रक्रिया से व्यक्ति मन को स्थिर करने लगता है।